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_cIN-BdCUP
041 _ahin
082 _a920.074
_bDWI
100 _aDwivedi, Hazariprasad
245 0 _aMahapurushon ka smaran /
_cDwivedi, Hazariprasad & दिवेदी, हज़ारीप्रसाद
260 _aNew Delhi :
_bRajkamal Prakashan Pvt Ltd,
_c2009.
300 _a130 p. ;
_c18 cm.
520 _aआचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी का कृतित्व ललित निबन्ध, उपन्यास, आलोचना, इतिहास और अनुसंधानपरक व्याकरण-जैसे परस्पर भिन्न रचना-अनुशासनों के बीच प्रस्फुटित हुआ है। द्विवेदीजी के साहित्यिक चिन्तन का मूलाधार मनुष्य है - अपने सारे भावों-अभावों और हास- रुदन के साथ जीता-जागता समूचा मनुष्य। प्रस्तुत पुस्तक 'महापुरुषों का स्मरण' में आचार्यजी ने उन महापुरुषों को स्मरण किया है जिनका देय समाज और साहित्य को अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। इनमें साहित्यकार हैं, समाजसेवी हैं, राजनीतिज्ञ हैं और प्राचीन काल के महान वैज्ञानिक भी हैं। कुछ का स्मरण वैयक्तिक धरातल पर है और कुछ का उनकी कृतियों के माध्यम से। कहना न होगा कि प्राचीन तथा समकालीन महापुरुषों को समझने में यह पुस्तक एक महत्त्वपूर्ण दस्तावेज़ का कार्य करेगी।
650 _aHindi literature
650 _aMahapurushon ka smaran
700 _aदिवेदी, हज़ारीप्रसाद
880 _6245
_aमहापुरुषो का स्मरण /
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_cBK
999 _c42712
_d42712