Koi baat nahin / (Record no. 43013)
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000 -LEADER | |
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fixed length control field | 06107nam a2200277Ia 4500 |
001 - CONTROL NUMBER | |
control field | 38011 |
003 - CONTROL NUMBER IDENTIFIER | |
control field | IN-BdCUP |
005 - DATE AND TIME OF LATEST TRANSACTION | |
control field | 20230421155727.0 |
008 - FIXED-LENGTH DATA ELEMENTS--GENERAL INFORMATION | |
fixed length control field | 230413s2023 000 0 hin |
020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER | |
International Standard Book Number | 8126708417 |
040 ## - CATALOGING SOURCE | |
Language of cataloging | eng |
Transcribing agency | IN-BdCUP |
041 ## - LANGUAGE CODE | |
Language code of text/sound track or separate title | hin |
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER | |
Classification number | 891.433 |
Item number | SAR |
100 ## - MAIN ENTRY--PERSONAL NAME | |
Personal name | Saravgi, Alka |
245 #0 - TITLE STATEMENT | |
Title | Koi baat nahin / |
Statement of responsibility, etc. | Saravgi, Alka & सरावगी, अलका |
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. | |
Place of publication, distribution, etc. | New Delhi : |
Name of publisher, distributor, etc. | Rajkamal Prakashan Pvt Ltd, |
Date of publication, distribution, etc. | 2015. |
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION | |
Extent | 219 p. ; |
Dimensions | 20 cm. |
520 ## - SUMMARY, ETC. | |
Summary, etc. | कोई बात नहीं ''तभी हवा का एक झोंका न जाने क्या सोचकर एक बड़े से कागज के टुकड़े को शशांक के पास ले आया। उसने घास से उठाकर उसे पढ़ा - 'आदमी का मन एक गाँव है, शशांक ने सोचा, आदमी मन में ही तो अपने को और अपनी सारी बातों को छिपाकर रख सकता है...'' 'कोई बात नहीं' जैसे एक मंत्र है - हार न मानने की जिद और नई शुरुआतों के नाम। समय के एक ऐसे छौर में जब प्रतियागिता जीवन का परम मूल्य है ओर सारे निर्णय ताकतवर ओर सर्माि के हाथ में हैं, वेदना, जिजीविषा और सहयोग का यह आख्यान ऐस तमाम मूल्यों का प्रत्याख्यान है। मोटे तौर पर इसे शारीरिक रूप से कुछ अक्षम एक बेटे और उसकी माँ के प्रेम और दुख की साझेदारी की कथा के रूप में देखा जा सकता हे, पर इसका मर्म एक सुन्दर ओर सम्मानपूर्ण जीवन की आकांक्षा हे, बलिक इस हक की माँग है। शशांक सतरह साल का एक लड़ है जो दूसरों से अलग हे क्येांकि वह दूसरों की तरह चल और बोल नहीं सकता। कलकत्ता के एक नामी मिशनरी स्कूल मं पढ़ते वक्त अपनी गैरबराबरी को जीते हुए, उसका साबिका उन तरह-तरह की दूसरी गैरबरारियों से भी होता हरता है, जो उसी की तरह एक किस्म का जाति-बाहर या आउटकास्ट है - अलबत्ता बिलकुल अलग कारणों से। शशांक का जीवन चारों तरफ से तरह-तरह के कथा-किस्सों से घिरा हैं एक तरफ उसकी आरती मौसी है, जिसकी प्रायः खेदपूर्वक वापस लौट आनेवाली कहानियों का अन्त और आरम्भ शशांक को कभी समझ मे। नहीं आता। दूसरी तरफ उसकी दादी की कहानियाँ हैं - दादी के अपने घुटन-भरे बीते जीवन की, बार-बार उन्हीं शब्दों और मुहावरों में दोहराई जानी कहानियाँ, जिनका कोई शब्द कभी अपनी जगह नहीं बदलता। लेकिन सबसे विचित्र कहानियाँ उस तक पहुँचती हैं जतीन दा के मार्फत, जिनसे वह बिना किसी और के जाने, हर शनिवार विक्टोरिया मेमोरियल के मैदान में मिलता है। ये सभी कहानियाँ आतंक और हिंसा के जीवन से जुड़ी कहानियाँ हैं जिनके बारे में हर बार शशांक को सन्देह होता है कि वे आत्मकथात्मक हैं, पर इस सन्देह के निराकरण का उसके पास कोई रास्ता नहीं है। तभी शशांक के जीवन में वह भयानक घटना घटती है जिससे उसके जीवन के परखच्चे उड़ जाते हैं। ऐसे समय में यह कथा-अमृत ही है जो उसे इस आघात से उतारता है; साथ ही उसे संजीवन मिलता है उस सरल, निश्छल, अद्भुत प्रेम और सहयोग से जो सब कुछ के बावजूद दुनिया को बचाए रखता आ रहा है। और तब उसकी अपनी यह कथा, जो आरती मोसी द्वारा लिखी जा रही थी, पुनः जीवित हो उठती है - कथामृत के आस्वादन से जागी कथा। |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM | |
Topical term or geographic name entry element | Hindi literature |
Topical term or geographic name entry element | सरावगी, अलका |
Topical term or geographic name entry element | Koi baat nahin |
Topical term or geographic name entry element | कोई बात नही |
700 ## - ADDED ENTRY--PERSONAL NAME | |
Personal name | सरावगी, अलका |
880 ## - ALTERNATE GRAPHIC REPRESENTATION | |
Linkage | 245 |
a | कोई बात नही / |
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA) | |
Source of classification or shelving scheme | Dewey Decimal Classification |
Koha item type | Book |
Withdrawn status | Lost status | Source of classification or shelving scheme | Damaged status | Not for loan | Home library | Current library | Date acquired | Source of acquisition | Cost, normal purchase price | Bill number | Total checkouts | Full call number | Barcode | Date last seen | Actual Cost, replacement price | Bill Date | Koha item type |
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Dewey Decimal Classification | Ranganathan Library | Ranganathan Library | 28/05/2019 | Raj Kamal Prakashan | 400.00 | BR6562 | 891.433 SAR | 036218 | 13/04/2023 | 280.00 | 25/01/2019 | Book |