Bharat ka itihas /
Thapar, Romila
Bharat ka itihas / Thapar, Romila & थापर, रोमिला - New Delhi : Rajkamal Prakashan, 2018. - 333 p. ; 20 cm.
प्रस्तुत पुस्तक में लगभग 1000 ई. पू. में आर्य संस्कृति की स्थापना से लेकर 1526 ई. में मुगलों के आगमन और यूरोप की व्यापारिक कंपनियों के प्रथम साक्षात्कार तक प्रायः 2500 वर्षों के दौरान भारत के आर्थिक तथा सामाजिक ढांचे का विकास प्रमुख राजनितिक एवं राजवंशीय घटनाओं के प्रकाश में दर्शाया गया है ! मुख्या रूप से डॉ. थापर ने धर्म, कला और साहित्य में, विचारधाराओं और संस्थाओं में व्यक्त होनेवाले भारतीय संस्कृति के विविध रूपों का रोचक वर्णन किया है ! यह इतिहास वैदिक संस्कृति के साथ प्रारंभ होता है, इसलिए नहीं कि यह भारतीय संस्कृति का प्रारंभ-बिंदु है, वरन इसलिए कि भारतीय संस्कृति के प्रारंभिक चरणों पर, जो आदिम-ऐतिहासिक और हड़प्पा काल में दृष्टिगोचर होने लगे थे, सामान्य पाठकों को उपलब्ध अनेक पुस्तकों में पहले ही काफी कुछ लिखा जा चूका है ! इस प्रारंभिक चरण का उल्लेख 'पूर्वपीठिका' वाले अध्याय में है ! यूरोपवासियों के आगमन से भारत के इतिहास में एक नवीन युग का सूत्रपात होता है ! समाप्ति के रूप में 1526 ई. इसलिए रखी गई है ! लेखिका ने पहले अध्याय में अतीत के विषय में लिखनेवाले इतिहासकारों पर प्रमुख बौद्धिक प्रभावों को स्पष्ट करने की चेष्टा की है ! इससे अनिवार्यता नवीन पद्धतियों एवं रीतियों का परिचय मिल जाता है जिन्हें इतिहास के अध्ययन में प्रयुक्त किया जा रहा है और जो इस पुस्तक में भी परिलक्षित हैं !
9788126705689
India
Indian history
Bharat ka itihas
भारत का इतिहास
954 / THA
Bharat ka itihas / Thapar, Romila & थापर, रोमिला - New Delhi : Rajkamal Prakashan, 2018. - 333 p. ; 20 cm.
प्रस्तुत पुस्तक में लगभग 1000 ई. पू. में आर्य संस्कृति की स्थापना से लेकर 1526 ई. में मुगलों के आगमन और यूरोप की व्यापारिक कंपनियों के प्रथम साक्षात्कार तक प्रायः 2500 वर्षों के दौरान भारत के आर्थिक तथा सामाजिक ढांचे का विकास प्रमुख राजनितिक एवं राजवंशीय घटनाओं के प्रकाश में दर्शाया गया है ! मुख्या रूप से डॉ. थापर ने धर्म, कला और साहित्य में, विचारधाराओं और संस्थाओं में व्यक्त होनेवाले भारतीय संस्कृति के विविध रूपों का रोचक वर्णन किया है ! यह इतिहास वैदिक संस्कृति के साथ प्रारंभ होता है, इसलिए नहीं कि यह भारतीय संस्कृति का प्रारंभ-बिंदु है, वरन इसलिए कि भारतीय संस्कृति के प्रारंभिक चरणों पर, जो आदिम-ऐतिहासिक और हड़प्पा काल में दृष्टिगोचर होने लगे थे, सामान्य पाठकों को उपलब्ध अनेक पुस्तकों में पहले ही काफी कुछ लिखा जा चूका है ! इस प्रारंभिक चरण का उल्लेख 'पूर्वपीठिका' वाले अध्याय में है ! यूरोपवासियों के आगमन से भारत के इतिहास में एक नवीन युग का सूत्रपात होता है ! समाप्ति के रूप में 1526 ई. इसलिए रखी गई है ! लेखिका ने पहले अध्याय में अतीत के विषय में लिखनेवाले इतिहासकारों पर प्रमुख बौद्धिक प्रभावों को स्पष्ट करने की चेष्टा की है ! इससे अनिवार्यता नवीन पद्धतियों एवं रीतियों का परिचय मिल जाता है जिन्हें इतिहास के अध्ययन में प्रयुक्त किया जा रहा है और जो इस पुस्तक में भी परिलक्षित हैं !
9788126705689
India
Indian history
Bharat ka itihas
भारत का इतिहास
954 / THA