Mahapurushon ka smaran /

Dwivedi, Hazariprasad

Mahapurushon ka smaran / Dwivedi, Hazariprasad & दिवेदी, हज़ारीप्रसाद - New Delhi : Rajkamal Prakashan Pvt Ltd, 2009. - 130 p. ; 18 cm.

आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी का कृतित्व ललित निबन्ध, उपन्यास, आलोचना, इतिहास और अनुसंधानपरक व्याकरण-जैसे परस्पर भिन्न रचना-अनुशासनों के बीच प्रस्फुटित हुआ है। द्विवेदीजी के साहित्यिक चिन्तन का मूलाधार मनुष्य है - अपने सारे भावों-अभावों और हास- रुदन के साथ जीता-जागता समूचा मनुष्य। प्रस्तुत पुस्तक 'महापुरुषों का स्मरण' में आचार्यजी ने उन महापुरुषों को स्मरण किया है जिनका देय समाज और साहित्य को अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। इनमें साहित्यकार हैं, समाजसेवी हैं, राजनीतिज्ञ हैं और प्राचीन काल के महान वैज्ञानिक भी हैं। कुछ का स्मरण वैयक्तिक धरातल पर है और कुछ का उनकी कृतियों के माध्यम से। कहना न होगा कि प्राचीन तथा समकालीन महापुरुषों को समझने में यह पुस्तक एक महत्त्वपूर्ण दस्तावेज़ का कार्य करेगी।

8171782183


Hindi literature
Mahapurushon ka smaran

920.074 / DWI
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