बस इतना /
Bas Itna / Singh, Kirtikumar & सिंह, कर्तिकुमार
Material type:
- 9789352296033
- 891.433 SIN
Item type | Current library | Call number | Status | Barcode | |
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Ranganathan Library | 891.433 SIN (Browse shelf(Opens below)) | Available | 034387 |
हिन्दी के शीर्षस्थ लघुकथाकार कीर्तिकुमार सिंह का यह चौथा लघुकथा संग्रह है। गुणात्मक और परिमाणात्मक, दोनों दृष्टियों से कीर्तिकुमार सिंह ने लघुकथा को अत्यन्त समृद्ध किया है। लघुकथा को हिन्दी की एक सम्पूर्ण और सम्मानजनक विधा के रूप में स्थापित करने का बहुत कुछ श्रेय उन्हीं को जाता है। पर्याप्त मात्रा में लघुकथाएँ लिखना अपने आपमें एक कठिन और चुनौतीपूर्ण कार्य है और इस चुनौती को हिन्दी में गिनेचुने कथाकारों ने ही स्वीकार किया है। लघुकथा आधुनिक हिन्दी साहित्य की अत्यन्त लोकप्रिय विधा है, परन्तु समस्या यह है कि पाठकों की प्यास तृप्त करने के लिए पर्याप्त सामग्री नहीं है। जिन कथाकारों ने लघुकथा विधा को साध लिया है, वे इस रिक्तता को भरने के लिए प्रयासरत हैं। कीर्तिकुमार सिंह इन कथाकारों में अग्रगण्य हैं।
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